अनमोल वचन

𝐑𝐃 𝐋𝐨𝐯𝐞 𝐢𝐬 𝐥𝐢𝐟𝐞

𑁍क्षमा𑁍

  क्षमा का दान सबसे बड़ा दान है ,वास्तव में क्षमा का जीवन में क्या महत्व है ? क्षमा कौन कर सकता है? क्षमा का क्या लाभ है ?

  क्षमा करने वाले को क्या प्राप्त होता है ?क्षमा न करने से क्या हानि होती है ? क्षमा किसे करना चाहिए और किसे नहीं? इन

  सभी प्रशनो का शास्त्रा-समस्त विश्लेसन किया है हमारे मनुस्यो एवं विश्वख्यात  चिंतको ने !

·        जो क्षमा करता है और बीते हुये बातो को भूल जाता है,उसे इश्वर के ओर से पुरुस्कार मिलता है ! (कुरान )

·        जो मनुष्य नारी को क्षमा नही कर सकता,उसे उसके महान गुणों का उपयोग करने का आवसर कभी प्राप्त न होगा (खलील जिब्रान )

·        जिसने पहले कभी तुम्हारा उपकार किया हो,उसे यदि कोई भरी अपराध हो जाये तो भी पहले का उपकार का स्मरण करके उस अपराधी के अपराध को तुम्हे क्षमा कर देना चाहिए ! (वेद्वेयास )

·        दान को सर्वश्रेस्ट बनाना है तो क्षमा दान करना शिखो (चार्ल्स बक्सान )

·        क्षमा में जो महंता है ,जो औदारिया है,वह क्रोध और प्रतिकार में कहा प्रतिहिंसा हिंसा पर हि आघात कर सकती है,उदारता पर नहीं (सेठ गोविन्द दाश )

·        जिसे पश्चाताप न हो उसे क्षमा कर देना पानी पर लकीर खीचने की तरह निर्थक है ! (जपानी लोकोक्ति )

𑁍आदत𑁍

आदत क्या है ? आताद कब अछि और बुरी होती है ?कैसे पड़ती है बुरी आदते और कैसे इससे छुटकारा सम्भव है ? वेक्ति को कैसे आदत डालनी चाहिए ? आदतों की शक्ति एवं लाभ हानि का सटीक विवेचन विश्व –विख्यात विचारको के नजरिये से

·        आदत राशी की बहती है,पर रोज इसमें हम बाट देते है और अंत में इसे तोड़ नहीं पाते (मान )

·        गन्दी आदतों को छोड़ने की आदत डालो !(डी पाल )

·        बुरी आदतों से हमारी सुध्ता का आभास मिलता है ! (डॉ एल्डर )

·        आदत तो आदत हि नही और किशी भी वेक्ति द्वारा यह खिड़की से बाहर नही फेक डी जाती हां एक आधा सीडी तो खिसकाई जा सकती है  (-मार्क टवेंन)

·        इस संसार का प्रतियेक वेक्ति आदत से मजबूर होता है ! (सुकरात )

·        आदतों को रोका न जाये तो वे सीघ्र हि लत बन जाती है ! (संत आगस्टिंन )

·        किसी वेक्ति में एक बुरी आदत पड़ती है,तो फिर वह बिज के रूप में बुरी आदतों के वृक्ष को पनपा देदी है शैतान के बेटे को घर में आमत्रित करो तो उसका पूरा कुनबा चला आता है ! (स्वेट मार्टेन )

·        लोमड़ी खाल बदलती है आदते नहीं ! (सेतोनियम )

·        आदत विषैले नाग के भाती है जिसका जहर इन्सान के जीवन को समय से पूर्व नस्ट कर देता है (हैग्लेट)

·        आदत डालनी है तो परहित करने की आदत डाल1 (धरम बरिया )

·        आदत की शक्ति महान है,यह हमे मेहनत को बर्दास्त करना सिखाती है और चोट से नफरत कराती है ! (सिसरो )

·        आदते लोहे के जंजीर के समान है जो हमे बंधकर रखती है ! (लेख स्टिंन )

·        आदत के करण लोग जितने काम करते है,उतना विवेक के कारण नही करते !अंग्रेजी लोकोक्ति

·        निम् गुड के साथ खाने पर भी अपनी कड़वाहट नही छोड़ता,इसी तरह नीच सज्जनों के साथ रहकर भि अपनी आदत से बाज नही आता (राम प्रताप त्रिपाठी )

·        आदत भी एक तरह की आख है (आमृत लाल नगर )

·        मनुष्य सम्पति प्राप्त हो जाने पर भी उसका उपभोग नही जनता अर्थात जैसी आदत रहती है उशी के अनुसार खर्च करता है !जैसे गर्दन भर पानी में डूबा हुआ भी कुत्ता जीभ से चाटकर हि पानी पिता है ! (--)

𑁍उदारता𑁍

उदारता कौन है?उदारता क्या है ? उदार किसे कहेगे ?उदारता के क्या लाभ है आदि प्रश्नों का सटीक विवेचन किया गया है इस आधियाय में

महात्मा,मनीषी विचारक एवं धर्म शास्त्र क्या कहते है उदारता के सन्दर्भ में,आइए जाने –

·        आभारी मै हु उनका जिन्होंने मेरी निंदा करके मुझे सावधान बनाया ! (अज्ञात )

·        अपने  साथ उपकार करने वालो के साथ जो साधुता बरतता है,उसकी तारीफ नही है!महात्मा तो ओ है जो अपने साथ बुराई करने वालो के साथ भी भलाई करे ! (महात्मा गाँधी )

·        सुशिल धर्मात्मा और सब मित्र और प्राणीयो पर दया करने वाले पात्र बनो !दुनिया की तमाम सम्पतियाँ एसे पात्र को हि अपना आश्रय बनती है,जैसे पानी निचे की ओर,तथा धुवा आसमान की ओर स्वभाविक रूप से गति करता है (विष्णु पुराण )

·        दुष्ट अपनी दुष्टता,सर्प अपना विष,सिंह रक्तपान जिस प्रकार नही छोड़ता ,उशी प्रकार उदार अपनी उदारता नही छोड़ता !(स्वामी महावीर )

·        उपकार की फसल न बो सको,तो एक पौधा तो तयार करो !(राज ठाकुर )

·        मुर्ख छोटा सा कार्य आरम्भ करते है,और उशी में बेचैन हो जाते है! बुद्धिमान बड़ा से बड़ा कार्य आरम्भ करते है और निश्चित बने रहते है !(माघ)

·        उदारता मनुष्य का श्रेस्ठ गुण है ! (चावार्क )

·        आप दूसरो के दुखो में सहानभूति रखेगे तो कल जब आपको उसकी आवश्यकता होगी,तब वे हि लोग आपको अपना सहयोग दिल के गहराइयो से देगे ! (अज्ञात)

·        महान उपलब्धियों के लिए हमे कर्म नही करना चाहिए,अपितु स्वप्न भी देखना चाहिए,योजना हि नहीं बनानी चाहिए,अपितु विश्वास भी करना चाहिए !(अनातोले फ़्रांस )

·        प्राकृतिक नियम के अनुसार सुख उदारता का और दुःख त्याग का पाठ पढ़ाने आता है!इतना हि नहीं उदारता त्याग को पुष्ट करती है और त्याग उदारता को सुरक्षित रखता है!उदारता और त्याग को अपना लेने पर सुखयो और दुखियो में वास्तविक एकता हो जाती है जिसके होते हि समस्त संघर्ष अपने आप हि मिट जाते है !तब कोई वैर भाव शेष नहीं रहता ! (स्वामी शरणनन्द )

·        महान वेक्ति ना किसी का अपमान करता है !और न उसको सहता है ! (होम )

·        उदार मन वाले विभिन्न धर्मो के सत्य देखते है संकीर्ण मन वाले केवल अतंर देखते है !(एक चीनी कहावत )

·        यह मेरा है,यह दुसरे का,एसा सकीर्ण ह्रदय वाले समक्षते है उदार ह्रदय वाले तो सारी दुनिया को कुटुंब –सा समक्षते है हितोपदेश

·        उदारता उच्च वंश से आती है,दया और कृतज्ञता उसके सहायक है ! (कर्नेल)

·        एक वीर पुरुष किसी से द्वेष नही करता,युद्ध की क्षति शांति में भूल जाता है और अपने भयंकर सत्रु का भी मित्र की भाती आंलिगन करता है (कॉपर)

    

 


Comments

Popular posts from this blog