कहानी मेरी जिन्दगी का
प्यार का सफर
है दोस्तों ये जो कहानी मै लिखा हु न इसका जरिया तो मैं खुद हु इस कहानी में मैं खुद अपने बारे में लिखा हु जो मेरे साथ बिता है और ये कहानी फेक नही है ये एक सत्य कहानी है और इसके पीछे का दर्द उसे महसूस होगा जो यैसे हालातो से गुजरे होंगे ये जिंदगी भी ना कितना कुछ हो जाता है प्यार के लिए अब आगे की कहानी तो पड़ने के बाद ही आपलोगो को मालूम होगा ।।
तो यहाँ से सुरु होता है मेरा प्यार का अधूरा सफर जिसमे प्यार भी है और किसी के यादे
ये कहानी उस वक्त की है जब मेरे जिंदगी में मुझसे दूर हो गई थी । मेरी पत्नि उसकी चली जाने से मेरे जिंदगी मे गमो और मेरी पत्नी के यादो के सिवा और कुच्छ नही बचा था बस उसकी ही ख्यालो में गुम रहता था न तो मैं बाहर जा सकता था और न तो किसी से बाते कर सकता था मुझे न तो दिन में चैन मिलता था और न तो रात में कभी कभी तो एसा लगता था की कही पागल न हो जॉऊ उसकी यादो में।
मैं जैसे ही सोने जाता और आँख को बंद करता तो मुझे मेरी पत्नी का मासूम से चेहरा दिखाई देता उसकी हसी जिसे मैं कभी भूल नही सकता उसकी ओ बाते जो मेरे कानो में गूँजती रहती है और बार बार इस दिल को दर्द होता है हर पल अब उसकी यादे मुझे रुलाती है येसा कोई दिन नही है जिस दिन मैं मेरी पत्नी को याद नही किया मैं हर रोज उससे बाते भी करता हूं भले ही मेरी पत्नी ना हो पर उसकी यादे तो है बस उससे ही बातें कर लेते है मेरी पत्नी के फ़ोटो के सामने जाकर अपने दिल के बातो को शेयर करता और फिर रोता और रो कर फिर चुप हो जाता मैं कहि भी जाने के लिए घर से निकलता और किसी पति पत्नी को एक साथ बाइक में जाते हुए देखता तो मुझे वही पर रोना आ जाता था क्योकि मैं भी मेरी पत्नी को वैसे ही बाइक में ले जाता था उस वक्त मेरे पास बस खामोशी ही होता था और सोचता था की काश येसा होता की मैं मेरी पत्नी के पास उसी पल में लौट जाता जिस पल में मेरी पत्नी होती येसा तो मेरा सोच था लेकिन येसा तो कभी नही होगा की अब इस जिंदगी में फिर से मेरी पत्नी लौट आएगी मैं कोसिस तो करता हूं जीने का और मेरी पत्नी का यादो को कम करने का लेनकि ठीक उल्टा ही हो जाता है मेरी पत्नी के यादे और बड़ जाता है मैं करू तो क्या करू येसा लगता है मुझे ये जिंदगी न जाने मुझे किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जिसमे जिंदगी जीने का कोई राह दिखाई नही देता कितना दर्द होता है इस प्यार में
की आदमी जीने को भी भूल जाता है येसा लगता है मुझे की जिंदगी में सबसे जादा महत्त्व प्यार है और प्यार ही जिंदगी है मेरी पत्नी के यादो में मैं सो भी नही पा रहा था एक और दो दिन नीद ना आये तो ठीक है पर मुझे तो बहुत दिनों से नीद नही आ रहा था मैं सोने का पूरा कोसिस करता फिर भी नीद नही आता था बस उसकी ही यादे नीद न आने कारण मेरे सरीर में ऊर्जा नही बन पा रहा था और मैं बहुत कमजोर हो गया था अचानक मेरे दीलो के धड़कने तेज हो जाते थे सास भी भर जाते थे अब तो धीरे धीरे मेरे दीमक भी मेरे साथ छोड़ रहा था येसा मुझे लगता था कभी कभी ।अब तो मेरे सरीर में बीमारियों को लड़ने का छमता नही था मैं घर से बाहर ही नही जा पा रहा था कही कुछ हो न जाए येसा लगता था अब मैं करता भी किया फिर मैं डॉक्टर के पास भी गया और डॉक्टर ने मुझे बहुत समझया की जो भी हुआ उसे भूल जाओ और एक नई जिंदगी का सुरुवात करो जिससे तुम जी सको गे। यही मेरा राय है येसा डॉक्टर ने बोला मैं भी समझ रहा था डॉक्टर के बातो को बस उस समय मैं डॉक्टर को हा में जवाब देता गया उसके बाद मुझे डॉक्टर ने नीद की दवाई दिया था रात में खाने को और भी कई सारे दवाई दिए थे खाने को जिससे मुझे अछे से नीद आ जाए और मैं पहले के तरह हो जॉऊ अब उसके बाद मैं घर आ गया अब मुझे दवाई के सहारे नीद आने लगी कूछ दिनों के बाद मुझे अच्छा महसूस होने लगा पर यादे कम नही हुआ था मुझे नीद आने पर बस एक ही सपना आता था की मेरी वाइफ प्रेग्नेंट है और मेरी पत्नी के लिए मैं हर रोज कुछ खाने को लाता हु उसकी हर ख्वाइस को पूरी करता हु और फिर मेरी पत्नी मुस्कुराकर मेरे गले लग जाती है और मेरे हर सपनो में मुस्कुराती है पर बात नही हो पाती है इतने में मेरे आँख खुल जाता है सायद यैसा इस लिए होता होगा जब मेरी पत्नी मेरी पास थी और ओ प्रेग्नेंट थी तो हम दोनो ने कई सारे सपने देखे थे हम दोनो के आने वाले बच्चे के बारे में उस समय बहुत खुश थे मैं और मेरे पत्नी मैं तो अपने बच्चे के लिए एक छोटा सा सेटर लाया था और में मोजा और मेरे बेटे के सोने के लिए मुलायम सा तोलिया लाया था उस समय मेरी जिंदगी का सबसे बडा खुसी था और ओ खुसी मेरी पत्नी थी मैं महसूस करता था जब मेरे बेटे अपनी माँ के पेट के अन्दर से लात मारता मैं अपने कानो को मेरी पत्नी के पेट से लगाकर मेरे बेटे के अहसास को सुनता जब मैं सोया रहता तो मुझे मेरी पत्नी अचानक से बोलती ये जी सुनो ना आपके बेटा कितना खेल रहा है देखो ना मेरे पेट को और सच में बहुत किक मारता था ओ मेरी पत्नी बोलती की अब सो जा बेटू अब बहुत किक मार लिया हम दोनो तो कभी ये सोचते थे की मेरे बेटे को बीच में सुलायेंगे तो कभी इधर सुलायेंगे ऐसे कई प्रकार के बारे में सोचते थे दोनो इससे बढ़ कर जिंदगी में और खुसी कभी नही आता जितना ख़ुशी बच्चे के आने से आता है एक मा बाप को । पर मेरी जिंदगी में ये खुशी तो कुछ ही समय का था मेरी पत्नी और मेरे बच्चे दोनो ही मुझे झोड़ कर चली गई
भगवान के पास ।मेरा सारा सपना टूट गया और मुझे डर लगता है की कही मेरी वजह से मेरी पत्नी को जाना पड़ा । मैं भगवान से कहता भी हु अगर मेरे वजह जे मेरी पत्नी को कूछ हुआ है तो मुझे सजा में मौत आ जाए और मुझे मेरी पत्नी से मिलवा दे अगर मेरे मौत से मेरी पत्नी मिल जाता है तो मुझे आपने मौत का कोई प्रवाह नही है क्योकि मैं अपनी पत्नी से मिल पाऊंगा । इतना सब कुछ बिता है मेरे साथ और उसी का गम और यादे मुझे जीने नही दे रहा है मैं किसको सुनाऊ अपना ये दिल का हाल मुझे खुद पता नही है । अब पूरे एक शाल बित गई मेरी पत्नी मुझसे दूर हुए और मैं इस बीच अपने जिन्दगी में कुछ कर ही नही पाया सिवाए मेरी पत्नी के यादो के। सुबह से साम हो जाता है बैठें बैठें न तो कूछ काम में मन लगता है और न तो कुछ करने का इच्छा लगता है अब तो येसा कोई नही है जो मुझे प्यार करता है बस मेरी पत्नी ने ही मुझे पसंद किया और मुझे बेहद प्यार किया और मैं भी मरी पत्नी से बहुत प्यार करता था अब तो बस कहानी बन कर रह गया है हम दोनो के जिन्दगी का और उस कहानी का आस्तित्व तो मैं हु । जब मेरी पास थी न मेरी पत्नी तो मुझसे कहती थी की किया आपको मैं तुम से दूर जाता हु तो सच में आपको रोना आता है ओ जानती थी की मैं उसकी बिना नही रहा सकता तब भी मुझसे पूछती और बोलती आगर मैं मर जॉऊ तो कैसे करोगे मैं गुसा हो जाता था और अपने गले से लगा लेता था और कहता था की येसा दिन कभी मत आये और आये तो दोनो को मौत आ जाए कियोकि किसी के यादो में जीना मौत से जादा बतर होता है और हम तो मेरी पत्नी के बिना जी ही नही पाएंगे येसा कहता मैं ।और किसे पता था की आगे किया होने वाला है पर मेरा तो किस्मत ही खराब था सायद मेरा किस्मत में मेरी पत्नी का प्यार आधा ही लिखा था येसा लगता है मुझे की हम आदमियों का जन्म अपने-अपने कर्म दंड को भोगने के लिए होता है और मेरे जिंदगी में मेरी पत्नी के प्यार के विरह के आग में पूरे जिंदगी भर जलना ये भी हो सकता है की मैं पिछले जन्मो में कोई पाप क्या होगा जिसका सजा मुझे इस जन्म में मिल रहा है कभी कभी येसा खयाल आता है मन में न जाने मेरे जिंदगी में आगे और क्या होने वाला है और ये जिंदगी कहा तक लेकर जाता है और कितना दर्द सहना पड़ेगा ये जिन्दगी में। मैं ये नही कहता की हर किसी के साथ येसा होता है और मैं ये भी कहता हु किसी के यादो में इतना मत खो जाओ की जिंदगी जीना ही भूल जाओ जैसे मेरे साथ हुआ ।लेकिन मैं फिर भी जीना जीना चाहता हु जैसे मुझे मेरी पत्नि कहती थी की कभी जिंदगी से हार नही मानना चाहिए । और मौत तो वैसे भी बिन बुलाये आ जाता है तब तक तो जिंदगी जीना ही चाहिए । मुझे तो मेरी पत्नी के साथ बिताए हुए पलो का याद आता है तो दिल दुखता भी है और अच्छा भी लगता है उन हसीन पलो को याद कर के मैं हमेसा कहता था मेरी पत्नी को की मेरी पत्नी भी किसी से कम नही है ......
तो जिंदगी में भी येसा मोड़ आता है जिससे निकल पाने के लिए पूरी जिंदगी ही चली जाती है ।।।
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