!!आतीत के यादो में है ये मेरी कहानी भाग -1 !!

 



!!आतीत के यादो में है ये मेरी कहानी भाग -1 !!

 

 

कभी-कभी ना ये आतीत भी कितना प्यारा होता है जो हमारे गुजरे हुये कल से जुड़ा होता है जिसे हम कभी भूल नहीं सकते है ओ तो हमारे यादो में बस जाता है लेकिन फिर भी हमें आगे के जिंदगी को जीना पड़ता है पर इसका मतलब ए नाही होता की हम आपने गुजरे हुये पलो को भूल जाये हमें अपने गुजरे हुये पल याद रहता है फिर भी हम आपने आगे की जिंदगी जीते है एसा क्यों होता है! क्योकि हमारे पास परिवार होता है जो हमारे हि चिंता में लगा रहता है तो उस परिवार के लिए अपने आगे की जिंदगी को जीना पड़ता है! कभी मेरा भी आतीत इतना प्यारा था की पूछो हि मत मेरी जिंदगी जिससे जुड़ा था ओ मेरी पत्नी थी! जिसे मै सिर्फ एक हि बार देखने गया था और ओ मुझे एक हि बार में पसंद आ गई थी अब तो बस उन लोगो की हा का जवाब था दो दिन बीत गया जवाब नही आया मै घर में पूछता की वाह से फ़ोन आया है किया तो नहीं आया है एसा बोलता फिर पाचवे दिन में उन लोगो का जवाब आया की हम लोग शादी के लिए राजी है लेकिन अभी इसके भैया के लिए भी लड़की खोजनी है तो मेरे घर वाले बोले हा ठीक है तो एसे में हम सगाई कर के रख देते है फिर लड़की मिल जाने के बाद एक साथ दोनों का शादी कर देगे उन लोगो ने भी हा बोला अब इसका मतलब ओ भी मुझे पसंद करती है जैसे मै उसे करता हु अब उसके बाद हम दोनों की कुडली मिलान करने के लिए उन लोग महराज के पास गए तो उसके भैया ने फ़ोन में बताया की इन दोनों का कुडली अच्छा है सातो का सातों गुड मिल रहा है इन दोनों का जोड़ी हमेसा अछा रहेगा येसा महराज ने बोला मुझे ये बात सुनकर बहुत अच्छा लगा जिसके साथ मेरी शादी होगी तो हमेसा मेरी जिंदगी में खुशिया रहेगी मेरी पत्नी के साथ फिर मेरे घर वालो ने पूछा की हम लोग सगाई करने के लिए कब आये उन लोगो ने बोला की हम लोग महराज से पुच्छ कर बतायेगे ठीक है एसा बोल कर फ़ोन को रख दिया अब दुसरे दिन बताया की महराज ने 1/22/2018 दिन सोमवार को कहा है अब मै तो अपना सगाई का डेट जन गया था तो उसके लिए कुछ तयारी भी तो करनी थी जूता लेना था सर्ट लेना था और कोट जो सर्ट के ऊपर में पहनते है अब मै दुकान जाकर ब्लू नीला रंग का कोट लिया और एक बेल्ट और जूता और मैंने एक सर्ट सिलवा रखा था ओ भी हल्का नीला रंग का अब इधर हम लोगो का तयारी हो गया था अघुठी भी ले लिया था अब तो बस 22 तारिक का इंतिजार था उससे मिलने के लिए अब ओ दिन भी आ गया सगाई का मै उस दिन सुबह 5 बजे से हि नहा लिया था और याह से हम लोग 11 बजे निकल गए सगाई करने के लिए पहले तो हम लोग वाह बुवा के घर में रुके जो की उसके घर के पास में हि था फिर थोड़े देर बाद में हम लोग उसके याह गए तो उसके याह हम लोगो के सोवाग्त में कोई कमी नहीं थी मेरा ध्यान तो सिर्फ उसकी ओर थी और साथ में आजीब सा भी लग रहा था अब तो महराज भी आ गया फिर मुझे बुलाया गया मै जाकर पूजा के स्थान में बैठ गया उस वक्त मै अकेला था और मै इधर उधर देख रहा था उसको फिर मुझे एक कमरे से आते हुए दिखाई दिया ओ भी ब्लू नीला रंग के साड़ी पहनी थी और मै भी ब्लू कलर का सर्ट पहना था दोनों एक दुसरे से मेच हो गए देखने वाले सोच रहे होगे की ये दोनों फ़ोन बे बात किये होगे तभी तो दोनों एक हि रंग का साड़ी और सर्ट पहने है पर एसा कुछ नहीं था हम दोनों तो बात हि नही किये थे और मै तो उसका फ़ोन नबर भी नही जानता था हम दोनों की किस्मत संच में अच्छा है यैसा मुझे भी लगा !अब इधर आगे - जिसे मै बेहद प्यार करता था इतना प्यार की मै उसके बिना रह नही सकता था जब मेरा सगाई हुआ था उससे तो मै सगाई के दिन उसको एक किपेड वाला मोबाईल में सिम डालकर गिफ्ट कर दिया था उसमे मैंने कुछ लिखा भी था उस दिन नया शाल था! तो मैंने एक सायरी लिखा था मोबाईल से हि देखकर, !!की तुम मुझे पसंद करो या मुझे नफरत,दोनों हि मेरे पक्ष में है क्योकि अगर तुम मुझे पसंद करते हो तो मै आपके दिल में हु और अगर नफरत करते हो तो मै आपके दिमाक में हु, नया शाल मुबारक हो! शुप्रभात ये सूरज मेरे आपनो को ए पैगाम देना खुशियों की दिन हशी का शाम देना जब कोई पड़े प्यार से मेरे इस पैगाम को तो उनके चेहरे पर प्यारी से मुस्कान देना हैपी न्यू इयर !! उस गिफ्ट के साथ उस सायरी को भी डाल दिया था और मेरा उदेसिया तो सिर्फ उस तक सिम को पहुचाना था ताकि मेरी होने वाली पत्नी मुझसे फ़ोन कर सके और रही बात सायरी का तो नया शाल के नाम से मैंने उस सायरी को लिख दिया था और मैंने इस बारे में सोचा हि नहीं की कोई और पढ लेगा उस सायरी को  तो मुहे क्या सोचेगा अब जो हो गया था तो मै क्या करता उस दिन सगाई में हम दोनों एक हि साथ बैठे थे पूजा में बिलकुल मेरे पास में हि बैठी थी मेरी पत्नी उस दिन नीला रंग का साड़ी पहनी थी जिसमे बहुत खुबसूरत दिख रही थी मुझे तो पूजा करना नही आता था पर उसको आती थी मै तो उसे देखकर हि जान गया था ओ पूजा करती तो पूजा के बहाने उसकी हाथो को छुआ उसकी हाथ उस वक्त ढाठी थी उस वक्त मेरा दिल बिलकुल नही खबरा रहा था सायद मेरी होने वाली पत्नी के साथ में बैठा था इस लिए अब अगुठी पाहनाने के टाइम आ गया पहले तो उसने अगुठी पहनाई मेरे हाथो को पकड कर सभी लोगो ने तालिय बजाई फिर मै भी उसकी हातो को पकड़ कर अगुठी पहनाई एक बार फिर से ताली बजाई गई उसके बाद में एक दुसरे को रस्गुला खिलाना था पहले तो मुझे रस्गुला खिलाई अपनी हाथो से मैंने पूरा रसगुल्ला हि खा लिया और खाते वक्त उसकी उगली मेरे दातो से थोडा सा दब गया था उसको अहेसास हुआ होगा अब रस्गुला में रस तो होता हि है तो मै उस वक्त रुमाल भी नहीं रखा था सायद मेरे होने वाली पत्नी की बुआ ने मुझे रुमाल दिया मुह पोझने के लिए जिससे मैंने अपना मुह पोछा अब मेरी बरी थी मेरी होने वाली पत्नी को रस्गुला खिनाले के लिए फिर मैंने अपने हाथो से रस्गुला को पकड़ कर जैसे हि खिलाने के कोसिस किया तो उसने पहले तो मुस्कुरा दिया फिर दोबारा खिलाया तो मेरे हाथो से रस्गुला खाई बस छोटा सा पर खाई तो ओ भी मेरे हाथो से अब उसने मुझे एक फूलो का बधा हुआ गुच्छा मुझे दिया फिर मै भी उसके देने के बाद जो गिफ्ट मैंने लाया था उसको दे दिया फिर सभी कार्य संपन्न होने के बाद हम लोग घर आ गए अब मुझे बस एक हि बात का इंतिजार था की कब मुझे मेरे होने वाली पत्नी फ़ोन करेगी और मुझे पता था की वो जरुर फोन करेगी तभी तो मैंने उसे सिम दिया था आइडिया का सिम एक दिन तो बीत गया सायद अभी उसके यह भी माहेमान होगे तभी ओ मुझे फोन नही किया फिर दुसरे दिन सुबह 8 बजे मेरे मोबाईल में मेरे होने वाली पत्नी का फोन आया फ़ोन आते हि मेरे दिलो की धडकने अचानक से बड गया और किया बात करू एसा लग रहा था लेकिन बात भी करने का मन कर रहा था बहुत और घर से निकलते –निकलते उसकी फ़ोन कट गया! तुम मनो या ना मनो पर मै इससे पहले और किसी लड़की से बात नही किया था उसी कारण से मुझे एसा लग रहा था अब मै घर से थोड़े दूर आ गया जहा कोई ना हो जैसे हि मै फोन लगाने की कोसिस करता तो मेरे दिलो की धडकने बड जाता था लेकिल ये दिल भी नही मानता था बात किये बिना फिर मैंने हिमत से फोन किया और सिर्फ दो हि रिग बजी और उसने फ़ोन को उठा लिया फिर उसने बोला हेलो कौन लेकिन ओ जानता था की मेरा हि फ़ोन है उस वक्त मै भी हैल्लो बोला और फ़ोन कट हो गई तब मुझे लगा की उसको भी बात करने में थोडा डर लग रहा है और किया बात करू एसा लग रहा होगा बिलकुल मेरे हि जैसा फिर उसने थोड़े हि देर बाद फ़ोन किया तब उसने बोला हा जी बताओ किया हुआ उस वक्त मुझे पता नही था की किया बात करता जैसे तैसे कर के मै भी बोला हा जी क्या कर रही हो उसने बोला बस अभी खाली हु अब नहाना है और आप मै भी बोला हा मै भी खाली हु उस वक्त मेरा जुबान फिसल रहा था बस उस दिन इतना हि बात हुआ और इतना बात कर लेने के बाद मेरे दिल को सुकून मिला और मै बहुत खुश हुआ की मैंने उनसे आज बात की और उसको भी अच्छा लगा होगा मुझसे बात कर के फिर भी मेरा दिल और बात करू एसा लग रहा था फिर मैंने एसेमेस कर दिया क्या कर रही हो जी एसा लिखकर पर जवाब नही आया अब साम हो गई थी मेरा दिल नही मान रहा था तो मैंने फिर फ़ोन किया ओ भी थोड़े दूर जाकर मै घर वालो के सामने बात नही कर पा रहा था उस समय थोडा शर्मा लगता था और उसको भी मेरा फ़ोन का इंतिजार था तभी तो मै फोन करता तो एक हि रिग में फ़ोन को उठा लेती थी मैंने बोला हैलो किया कर रही हो जी उसने बोला कुछ नही जी बस खाली हु और आप किया कर रहे हो तो मै भी खाली हु ! एसा बोलता बस इतना हि बात हो पता था मै उस रात सोचता हि रहा की माय ये बात करुगा और अपना दिल का हर बात उसको बताउगा की मै उसको कितना प्यार करता हु और मै प्यार का इजहार करना चाहता हु की मेरा दिल भी आपके लिए धडकता है मुझे तुम से बार –बार बात करने का मन करता है ! उस रात उसकी हि यादो में नींद नही आई और सुबह सो कर उठते हि good morning मेसेज सेंड कर दिया ! फिर उसने मुझे फ़ोन करके बोला की सो कर उठ गए जी मै हा जी मै सो कर उठ गया और उसने पूछा की आपको रात में अच्छे से नीद आया मै बोला हा जी मुझे तो रात में अच्छा से नीद आया मगर मुझे नीद नही आया था फिर भी हा बोल दिया फिर मैंने भी पुच्छा उससे और आपको नीद आई जी रात में अच्छे से तो उसने भी हा बोल दिया अब धीरे-धीरे हम दोनों में बात करने की आदत बनती गई एक दुसरे से अब मैंने उससे पूछा की मेसेज का जवाब क्यों नही देते हो जी फिर उसने बोला की मेसेज क्यों करते हो जी शीधे फ़ोन किया करो मै भी बोला हा जी ए भी ठीक है अब हम दोनो एक दुसरे को जानने लगे थे बातो से अब हम दोनों हर रोज बाते करते थे अब धीरे –धीरे हम दोनों एक दुसरे के दिलो के बातो को एक दुसरे से शेयर करने लगे थे पहले तो उसने पूछा मुझसे की आप किया काम करते हो मैंने बोला की मेरे पास में छोटा सा मोबाईल दुकान है जिसमें मोबाईल रिपेयरिग और फोटो बनाता हु बस यही काम है मेरा और उसने पुच्छा की आपको घर में और क्या नाम से बुलाते है मै बोला मुझे घर में सभी लोग दादू के नाम से बुलाते है फिर मैंने भी उससे पूछा की आपके घर के किया बुलाते है आपको जी उसने भी बोला की मुझे घर में सभी लोग रानू बुलाते है और मेरे कॉलेज में रेखा नाम चलती है तो मैंने मै जानता था की ओ पढ़ रही है किया तुम इस शाल फाइनल में हो उसने हा जी अभी मुझे बहुत पढना पड़ेगा क्योकि इस शाल फाइनल है मेरे कॉलेज का मै बोला हा जी तभी तो पास हो पाओगी उसने भी हा बोला और फ़ोन को रख दिया ! फिर दुसरे दिन मैंने फ़ोन में बात करते हुये पुच्छा की क्या आप whatsap  चलाते हो जी उसने बोला हा चलाती हु जी Wthatsap क्यों जी उसने बोला मै बोला क्या तुम मुझे आपनी wthatsap नबर दोगी उसने बोला फ़ोन में बात तो करते हो मै बोला तो भी ठीक है बताती हु तो मै बोला आज साम 7 बजे मेरे नबर पर wthatsap करना ठीक जी हा जी ठीक है एसा बोल दिया बस उसके बाद किया था अब मुझे 7 बजने का इंतिजार था

मै तो उससे पहले नेट को चालू कर के बैठ गया था की कब मेरी पत्नी मुझे wthatsap करेगी ! फिर जैसे हि 7 बजा मुझे एक नए नबर से हाय का मेसेज आया मै समझ गया की ये नबर तो मेरी पत्नी का है उसने डीपी में कुछ नही डाला था मै भी हाय लिखकर सेंड किया फिर उसने लिखा की जानते हो मै कौन हु मै बोला हा जानता हु उसने बोला तो बताओ कौन हु मै मैंने बोला की तुम मेरी पत्नी हो फिर उसने बोला हा पर अभी मै आपकी होने वाली पत्नी हु क्यों जी मै बोला मै तो अभी से आपको अपनी पत्नी मानती हु उसने बोला ठीक तो है और बोला अभी क्या कर रहे हो मै बोला मै अभी आपकी हि इंतिजार कर रहा था जी की कब तुम मुझे मेसेज करोगी उसने बोला संच में जी आपको मेरा इंतिजार था मैंने बोला हा जी संच में और एक बात पुछु जी आपसे हा पूछो ना जी आप बुरा थोड़े मनो गे नहीं मै बुरा नहीं मानुगा तो उसने बोली कि आपको बाइक चलाना आता है मै बोला क्यों जी ओ बोली क्योकि आप मुझे याह से ले जाओगे तो बाइक में हि ले जाना मुझे बाइक में बैठना अच्छा लगता है अब बताओ न हा आता है अच्छे से बाइक चलाना मुझे तो फिर हम दोनों खूब घुमेगे बाइक में कियो जी उसने बोला हा जी आप घुमाओगे तो घूम लेगे बस उस दिन इतना हि बात हुआ फिर एक दुसरे को good night बोल कर सो गए !.........   


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