जीन्दगी का सबक

 जीन्दगी जीना असान नही होता है कई तरह से मुस्कीलो से भरा पडा होता है जीन्दगी जीन्दगी के तो हमने काफी रग बदलते हुए देखे है एक बार एक रमेश नाम का लडक कामयाबी के सीखर पर चडते ही जा रहा था मानो उसकी कामयाबी कदम चुम रहा हो अब तो ओ दुसरो से बात करने का तरीका ही भुल गया। रमेश अपने कामयाबी पर घमड करने लगा था ओ तो भुल ही गया था की अपने से बडे से कैसे बात करते है अब तो रमेश अपने घर वालो से भी दुर हो गया घमड के चलते अब एक दीन रमेश ने अपने दोस्तो के साथ अपने ही आपीस मे पार्टी कर रहा था और उसी दीन रमेश का बोस वहा पहुंच गया और रमेश को देख लीया अयासी करते हुए फीर कीया होना था रमेश को नौकरी से नीकाल दीया गया अब रमेश क्या करता सब कुछ तो चला गया था फीर उसी आदमी से रमेश ने मदद मागने गया वह आदमी ने रमेश का मदद नही कीया क्योंकि रमेश ने उस आदमी को पहले से ही बुरा भला बोल दिया था अपने घमड के चलते अब रमेश को एक ही रास्ता दीखा अपने घर का घर वालो ने भी रमेश को बहुत सुनाया पर माँ का प्यार तो एक बेटे के लिए हमेशा होता है न कीया करता माँ बेचारी अपने बेटे को रख लीया अब रमेश भी समझ गया की जीन्दगी एक तरह से नही चलता कौन जानता है आने वाला कल को की कब क्या हो जायेगा।जीन्दगी मे हर व्येक्ती को अपने जीन्दगी मे खमड नही करना चाहिए आज अमीर हो तो कल किया पता फकीर हो जाओगे आपने तो सुना ही होगा और देखा भी होगा राजा हरीशचंद्र का कहानी अब तो टीवी मे भी आता है राजा हरीशचंद्र  ओ तो एक राजा था और एक समय येसा आया की  राजा हरीशचंद्र को अपना सब कुछ छोडकर जाना पडा था कहा गया था जानते उस राजा को जो भी आदमी मरता था उसको जलाने का काम सौपा गया था येसा हो जाता है कभी -कभी जीन्दगी का हाल इस छोटी से जीन्दगी मे सबके साथ मीलकर रहो क्योकी आप दुसरो का सम्मान करोगे तो दुसरा वेक्ती भी आपक सम्मान करेगा.. धन्यवाद।।

Writer
RD Thawait

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